युवा एवं खेल मंत्रालय ने मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार 2025 के लिए एथलीटों की सूची जारी कर दी है। इस साल खेल रत्न से सम्मानित होने वालों में मनु भाकर, डी गुकेश, हरमनप्रीत सिंह और प्रवीण कुमार जैसे दिग्गज एथलीट शामिल हैं। इन एथलीटों का सम्मान समारोह 17 जनवरी 2025 को राष्ट्रपति भवन में दोपहर 11 बजे आयोजित किया जाएगा।
खेल रत्न पाने वाले एथलीट्स की उपलब्धियां
मनु भाकर
मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक्स 2024 में शूटिंग में शानदार प्रदर्शन करते हुए दो मेडल जीते। वह एक ही ओलंपिक में दो अलग-अलग व्यक्तिगत इवेंट्स में मेडल जीतने वाली पहली भारतीय एथलीट बन गईं। हालांकि, उनके नाम को लेकर पहले विवाद खड़ा हुआ था, लेकिन बाद में मामला सुलझ गया और उन्हें इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए चुना गया।
डी गुकेश
डी गुकेश ने हाल ही में शतरंज के इतिहास में नया कीर्तिमान स्थापित किया। वह 18 वर्ष की उम्र में दुनिया के सबसे युवा वर्ल्ड चैंपियन बने। उनकी इस अद्वितीय उपलब्धि ने भारत का नाम विश्व स्तर पर ऊंचा किया है।
हरमनप्रीत सिंह
भारतीय पुरुष हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने पेरिस ओलंपिक्स 2024 में टीम को ब्रॉन्ज मेडल दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह लगातार दूसरी बार था जब भारत ने ओलंपिक्स में हॉकी का ब्रॉन्ज मेडल जीता। उनकी कप्तानी में टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए देश को गौरवान्वित किया।
प्रवीण कुमार
प्रवीण कुमार ने पैरालंपिक्स 2024 में टी64 कैटेगरी की हाई-जम्प प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीता। उनकी यह जीत भारत में पैरा एथलीट्स के लिए प्रेरणादायक है और उन्होंने दिखाया कि लगन और मेहनत से किसी भी मुश्किल को पार किया जा सकता है।
अन्य पुरस्कार विजेता
इसके अलावा, खेल मंत्रालय ने इस साल अर्जुन अवॉर्ड के लिए कुल 32 एथलीटों को चुना है, जिसमें 17 पैरा एथलीट भी शामिल हैं। यह निर्णय चयन समितियों की सिफारिशों के आधार पर लिया गया है।
सम्मान समारोह की तैयारी
राष्ट्रपति भवन में आयोजित होने वाले इस सम्मान समारोह में देश के सर्वोच्च खेल पुरस्कारों को प्रदान किया जाएगा। यह आयोजन न केवल एथलीट्स की उपलब्धियों का सम्मान करेगा, बल्कि आगामी पीढ़ी को भी प्रेरित करेगा।
निष्कर्ष
मनु भाकर, डी गुकेश, हरमनप्रीत सिंह और प्रवीण कुमार की अद्भुत उपलब्धियां भारतीय खेलों के उज्ज्वल भविष्य का संकेत देती हैं। मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित होना न केवल उनके कठिन परिश्रम का परिणाम है, बल्कि देशवासियों के लिए गर्व का क्षण भी है। इन एथलीट्स की प्रेरणादायक कहानियां आने वाली पीढ़ी के लिए प्रेरणा स्रोत बनी रहेंगी।