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पेपर लीक गैंग का खुलासा: SOG ने 14 लोगों को किया गिरफ्तार, जानिए कैसे हुआ भंडाफोड़

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राजस्थान में एसओजी (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) ने एक बड़े पेपर लीक गैंग का पर्दाफाश किया है। जयपुर में नेशनल सीड्स कॉर्पोरेशन की ऑनलाइन परीक्षा में पेपर लीक होने की घटना के बाद, पुलिस ने 14 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जयपुर पुलिस कमिश्नर की वेस्ट डिस्ट्रिक्ट पुलिस और एसओजी ने मिलकर यह बड़ी कार्रवाई की। इसमें वेस्ट जिला पुलिस ने 8 लोगों को हिरासत में लिया, जबकि एसओजी ने 6 अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

कैसे हुआ पेपर लीक का भंडाफोड़?

गिरोह की गतिविधियों पर लंबे समय से नजर रखी जा रही थी। पुलिस ने बताया कि यह गिरोह परीक्षा केंद्रों के साथ सांठगांठ करके ऑनलाइन परीक्षाओं के सिस्टम को हैक करता था। इसके जरिए वे मोटी रकम लेकर परीक्षाओं में धांधली कराते थे।

जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ और डीसीपी वेस्ट अमित कुमार बुडानिया ने प्रेस वार्ता में इस गिरोह की कार्यप्रणाली का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि यह गैंग आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करके परीक्षाओं की पारदर्शिता को बाधित करता था।

गिरफ्तार आरोपियों के नाम और भूमिका

गिरफ्तार किए गए आरोपियों में संदीप नाम के व्यक्ति की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण मानी जा रही है। उससे पूछताछ के दौरान गैंग के अन्य सदस्यों के नाम सामने आए:

  1. परमजीत
  2. जोगेंद्र
  3. खातीपुरा के हेरिटेज वायुना स्कूल के संचालक प्रवीण
  4. वैदिक कन्या स्कूल के कंप्यूटर लैब संचालक
  5. नंदू ठेकेदार
  6. आईटी इंफ्रा के कंप्यूटर लैब संचालक दिलखुश
  7. गणपति ठेकेदार
  8. द लॉरेंस स्कूल, मानसरोवर के कंप्यूटर लैब संचालक और ठेकेदार प्रदीप

ये सभी संगठित रूप से परीक्षाओं में धांधली करते थे और उम्मीदवारों से मोटी रकम वसूलते थे।

गैंग का तरीका और तकनीकी इस्तेमाल

यह गिरोह ऑनलाइन परीक्षा केंद्रों को हैक करने के लिए अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करता था। परीक्षा शुरू होते ही ये लोग सिस्टम में सेंध लगाकर प्रश्न पत्र लीक कर देते थे। इसके बदले उम्मीदवारों से बड़ी रकम वसूली जाती थी।

क्या कहती है पुलिस?

पुलिस ने बताया कि इस गिरोह के काम करने का तरीका बेहद शातिर था। इनकी मदद से कई परीक्षार्थी नकल कर परीक्षा पास करने में सफल हुए। फिलहाल पुलिस ने गिरोह के अन्य सदस्यों तक पहुंचने के लिए अपनी कार्रवाई तेज कर दी है।

जांच जारी, अन्य सदस्यों की तलाश

पुलिस की टीम अब गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश में जुटी है। गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ के बाद और भी बड़े खुलासे होने की संभावना है। इस पूरे मामले ने ऑनलाइन परीक्षाओं की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

निष्कर्ष

यह घटना इस बात की ओर इशारा करती है कि ऑनलाइन परीक्षा प्रणाली को और अधिक सुरक्षित और पारदर्शी बनाने की जरूरत है। पुलिस की यह कार्रवाई एक बड़ा कदम है, लेकिन यह सुनिश्चित करना भी जरूरी है कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न दोहराई जाएं।

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