प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (पीएमएवाई-यू) केंद्र सरकार की एक महत्त्वाकांक्षी योजना है, जिसे शहरी गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों को घर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शुरू किया गया था। इस योजना का पहला चरण सरकार के पहले कार्यकाल में लॉन्च किया गया था। अब इसके दूसरे चरण को अगस्त 2024 में मंजूरी दी गई है, जिसे “प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0” कहा जा रहा है। आइए इस योजना के महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा करें।
पीएमएवाई-यू 1.0 की उपलब्धियां
पीएमएवाई-यू के पहले चरण के तहत सरकार ने 1.18 करोड़ आवासों को स्वीकृति दी थी। इनमें से 85.5 लाख से अधिक आवास बनाकर लाभार्थियों को सौंपे जा चुके हैं, जबकि बाकी आवास निर्माणाधीन हैं। यह योजना गरीब परिवारों को घर का सपना साकार करने में सफल रही है।
पीएमएवाई-यू 2.0 की विशेषताएं
प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 के तहत सरकार ने ₹2.30 लाख करोड़ की सहायता प्रदान करने का लक्ष्य रखा है। यह योजना आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस), निम्न आय वर्ग (एलआईजी), और मध्यम आय वर्ग (एमआईजी) के परिवारों को ध्यान में रखकर तैयार की गई है।
पात्रता:
- आर्थिक वर्ग: योजना का लाभ वही परिवार उठा सकते हैं जो ईडब्ल्यूएस, एलआईजी, या एमआईजी श्रेणी में आते हैं।
- ईडब्ल्यूएस: वार्षिक आय ₹3 लाख तक।
- एलआईजी: वार्षिक आय ₹3 लाख से ₹6 लाख।
- एमआईजी: वार्षिक आय ₹6 लाख से ₹9 लाख।
- मकान की स्थिति: लाभार्थी के पास भारत में कहीं भी कोई पक्का मकान नहीं होना चाहिए।
पीएमएवाई-यू 2.0 का क्रियान्वयन
योजना का क्रियान्वयन चार तरीकों से किया जाएगा:
- लाभार्थी आधारित निर्माण (बीएलसी):
- यह योजना उन परिवारों को मदद करती है जो अपनी भूमि पर नया मकान बनाना चाहते हैं।
- ईडब्ल्यूएस श्रेणी के पात्र परिवारों को केंद्रीय सहायता प्रदान की जाएगी।
- भागीदारी में किफायती आवास (एएचपी):
- सार्वजनिक और निजी संस्थाओं द्वारा किफायती आवासों का निर्माण किया जाएगा।
- ईडब्ल्यूएस लाभार्थियों को वित्तीय सहायता प्रदान कर इन आवासों का आवंटन किया जाएगा।
- किफायती किराये के आवास (एआरएच):
- शहरी प्रवासियों, कामकाजी महिलाओं, औद्योगिक श्रमिकों, छात्रों, और अन्य जरूरतमंदों के लिए पर्याप्त किराये के आवास उपलब्ध कराए जाएंगे।
- ब्याज सब्सिडी योजना (आईएसएस):
- ईडब्ल्यूएस/एलआईजी और एमआईजी श्रेणी के परिवारों को होम लोन पर सब्सिडी प्रदान की जाएगी।
- ₹35 लाख तक की कीमत वाले मकान के लिए ₹25 लाख तक का होम लोन लेने वाले लाभार्थियों को पहले ₹8 लाख के लोन पर 4% ब्याज सब्सिडी मिलेगी।
बीएलसी और एएचपी के लाभ
- बीएलसी: यह व्यक्तिगत परिवारों को अपने मकान बनाने में सहायक है।
- एएचपी: यह सार्वजनिक/निजी भागीदारी के माध्यम से किफायती आवास उपलब्ध कराता है।
ब्याज सब्सिडी योजना की खासियतें
- योजना के तहत 12 वर्षों तक के लिए सब्सिडी प्रदान की जाती है।
- पात्र लाभार्थियों को ₹1.80 लाख की सब्सिडी 5 किश्तों में सीधे उनके खाते में भेजी जाती है।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 सरकार का एक सार्थक प्रयास है, जो हर वर्ग के लोगों को घर का सपना साकार करने में मदद करेगा। यह योजना न केवल आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को मदद देगी, बल्कि देश में आवासीय सुविधाओं में सुधार लाकर सामाजिक और आर्थिक प्रगति को भी प्रोत्साहित करेगी।