उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (यूपी बोर्ड) की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा 24 फरवरी से प्रस्तावित है। परीक्षा की निष्पक्षता बनाए रखने के लिए प्रशासन ने सख्त सुरक्षा इंतजाम किए हैं। परीक्षा से तीन दिन पहले सभी परीक्षा केंद्रों पर स्ट्रांग रूम बनाए जाएंगे, जिनकी सुरक्षा के विशेष प्रबंध होंगे।
स्ट्रांग रूम की विशेषताएँ
- प्रत्येक परीक्षा केंद्र पर एक अलग स्ट्रांग रूम होगा, जिसे प्रधानाचार्य कक्ष से अलग बनाया जाएगा।
- स्ट्रांग रूम में डबल लॉक वाली तीन आलमारियाँ होंगी, जिनकी तीन अलग-अलग चाबियाँ होंगी।
- तीसरी चाबी सिर्फ आपातकालीन परिस्थितियों में उपयोग की जाएगी।
- स्ट्रांग रूम में नाइट विजन सीसीटीवी कैमरे और वॉयस रिकॉर्डर 24 घंटे सक्रिय रहेंगे।
- स्ट्रांग रूम में किसी भी अधिकारी या कर्मचारी को मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति नहीं होगी।
प्रश्नपत्रों की सुरक्षा व्यवस्था
- स्ट्रांग रूम की चाबी स्टेटिक मजिस्ट्रेट की अभिरक्षा में रखी जाएगी।
- आलमारी खोलने और बंद करने की प्रक्रिया तीन अधिकारियों (केंद्र व्यवस्थापक, बाह्य केंद्र व्यवस्थापक, और स्टेटिक मजिस्ट्रेट) की उपस्थिति में ही होगी।
- प्रत्येक आलमारी के डबल लॉक की एक चाबी केंद्र व्यवस्थापक के पास और दूसरी चाबी बाह्य केंद्र व्यवस्थापक के पास होगी।
- बाह्य केंद्र व्यवस्थापक के पास रखी गई एक चाबी स्टेटिक मजिस्ट्रेट के पास भी सुरक्षित रहेगी, जो सिर्फ आपात स्थिति में उपयोग होगी।
लॉग बुक में दर्ज होगी हर गतिविधि
- स्ट्रांग रूम और डबल लॉक आलमारी खोलने और बंद करने के लिए लॉग बुक तैयार की जाएगी।
- लॉग बुक की निगरानी पुलिसकर्मी करेंगे, जिसमें हर गतिविधि दर्ज होगी।
- जब भी स्ट्रांग रूम खोला या बंद किया जाएगा, संबंधित अधिकारियों को लॉग बुक में तिथि, समय, नाम और पदनाम सहित हस्ताक्षर करने होंगे।
- इसकी फोटो जिला विद्यालय निरीक्षक को व्हाट्सएप के माध्यम से भेजी जाएगी।
पेपर लीक होने पर होगी कड़ी कार्रवाई
- परीक्षा से पहले पेपर लीक होने पर संबंधित स्टेटिक मजिस्ट्रेट, केंद्र व्यवस्थापक और बाह्य केंद्र व्यवस्थापक को जिम्मेदार ठहराया जाएगा।
- उनके खिलाफ उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) अधिनियम, 2024 के तहत सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
- परीक्षा शुरू होने के अधिकतम एक घंटे पूर्व स्ट्रांग रूम खोला जाएगा और परीक्षा समाप्ति के अधिकतम एक घंटे बाद इसे लॉक किया जाएगा।
इस सख्त सुरक्षा व्यवस्था का उद्देश्य यूपी बोर्ड परीक्षा को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाना है, जिससे छात्रों को बिना किसी दबाव के परीक्षा देने का अवसर मिले।