दिल्ली की नई विधानसभा का पहला सत्र भारी हंगामे के साथ शुरू हुआ, विधानसभा में दिल्ली की नई मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में सीएजी की पेंडिंग रिपोर्ट को सदन में पेश किया गया। इस रिपोर्ट के पेश होने के बाद सदन में जमकर हंगामा हुआ हालांकि ध्यान देने वाली बात यह है कि सीएजी की रिपोर्ट में दिल्ली में बड़े शराब घोटाले की बात सामने आई cag की ऑडिट रिपोर्ट में 2017-18 और 2020-21 तक, 4 साल की अवधि के दौरान दिल्ली की शराब पॉलिसी में हुए नुकसान का बड़ा खुलासा हुआ है।
विधानसभा में पेश इस रिपोर्ट के अनुसार शराब नीति में बदलाव के कारण सरकार को 2000 करोड़ का नुकसान हुआ, रिपोर्ट में 2017-18 से 2021-22 के बीच शराब के रेगुलेशन और सप्लाई की जांच की गई साथ ही 2021-22 की आपकारी नीति की भी समीक्षा की गई, जिसमें 2000 करोड़ से ज्यादा के नुकसान की बात सामने आई है।
हालांकि इस नई शराब नीति को सितंबर 2022 में वापस ले लिया गया था। इस पूरी रिपोर्ट की एक हाईलाइट पर नजर डालें तो गैर अनुरूप क्षेत्र में शराब की दुकानें न खोलने से 941 करोड़ का घाटा हुआ, छोड़े गए लाइसेंस को रिटेंड ना करने से सरकार को 890 करोड़ का नुकसान हुआ, कोविड के नाम पर लाइसेंस की छूट देने से 144 करोड़ का नुकसान सरकार को हुआ।
सिक्योरिटी डिपॉजिट सही से कलेक्ट ना करने के कारण सरकार को करीब 27 करोड़ का नुकसान हुआ। हालांकि ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है, जब सीएजी की रिपोर्ट को लेकर सदन या फिर सड़क पर इतना हंगामा हो रहा है इससे पहले भी कई बार सीएजी की रिपोर्ट पर सरकारों को सफाई देनी पड़ी है और उसे विपक्ष के विरोध का सामना करना पड़ा है। इसके अलावा कई ऐसे मौके भी आए जब सीएजी की रिपोर्ट के आधार पर मंत्री को इस्तीफा तक देना पड़ा या फिर जेल जाना पड़ा इसके अलावा राजनीतिक नुकसान भी जमकर हुआ। साथ इस रिपोर्ट में और क्या नए पहलु खुल कर सामने आते है ये तो वक्त ही बताएगा।