हाथ में गदा-त्रिशूल। हाथी-घोड़े की सवारी। शरीर पर भस्म और फूलों की माला। हर-हर महादेव का उद्घोष। पुरे भारत में आज महाशिवरात्रि का पावन पर्व मनाया जा रहा है। इसी बिच काशी में पुरे 144 साल ऐसा अद्बुध नज़ारा देखने को मिला।
दरअसल महाशिवरात्रि के अवसर पर 7 शैव अखाड़ों के करीब 10 हजार से ज्यादा नागा साधु बाबा विश्वनाथ का दर्शन करने के लिए पहुंच रहे हैं। नागा साधुओं के लिए काशी विश्वनाथ मंदिर के रास्ते की बैरिकेडिंग की गई है। लाखों की संख्या में भक्त नागा संतों का आशीर्वाद लेने के लिए रात से ही सड़क किनारे खड़े हुए हैं। सबसे पहले जूना अखाड़े के नागा संन्यासी मंदिर पहुंचे।
आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि भी उनके साथ रहे। नागा साधुओं की पेशवाई में गाड़ियां, ढोल-नगाड़े और अस्त्र-शस्त्र के साथ करतब दिखाते हुए साधु शामिल रहे। आधी रात से ही करीब 2 लाख भक्त 3km लंबी कतार में लगे हैं।
सुबह से अब तक 2.37 लाख भक्त दर्शन कर चुके हैं। 2:15 बजे बाबा विश्वनाथ की मंगला आरती हुई। उनका दूल्हे की तरह श्रृंगार किया गया। ऐसा अद्बुध श्रृंगार देखकर आप भी मंतमुक्त हो जायेगे। आधी रात से ही करीब 2 लाख भक्त 3km लंबी कतार में लगे हैं।
सुबह से अब तक 2.37 लाख भक्त दर्शन कर चुके हैं। तड़के 2:15 बजे बाबा विश्वनाथ की मंगला आरती हुई। उनका दूल्हे की तरह श्रृंगार किया गया। मंगला आरती के दौरान प्रवेश रोकने पर श्रद्धालुओं ने हंगामा कर दिया। उनकी पुलिसकर्मियों से नोकझोंक हो गई। श्रद्धालुओं को समझाकर शांत कराया गया। इसके बाद मंदिर के कपाट भक्तों के लिए खोल दिए गए। ऐसी ही और बड़ी ख़बरों के लिए जुड़े रहे हिंदुस्तान लाइव न्यूज़ के साथ।